Saturday, August 11, 2012

Krishna is the doer

श्रीभगवानुवाच
कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः ।
ऋतेऽपि त्वां न भविष्यन्ति सर्वे येऽवस्थिताः प्रत्यनीकेषु योधाः ॥
भावार्थ : श्री भगवान बोले- मैं लोकों का नाश करने वाला बढ़ा हुआ महाकाल हूँ। इस समय इन लोकों को नष्ट करने के लिए प्रवृत्त हुआ हूँ। इसलिए जो प्रतिपक्षियों की सेना में स्थित योद्धा लोग हैं, वे सब तेरे बिना भी नहीं रहेंगे अर्थात तेरे युद्ध न करने पर भी इन सबका नाश हो जाएगा॥32॥
तस्मात्त्वमुक्तिष्ठ यशो लभस्व जित्वा शत्रून्भुङ्‍क्ष्व राज्यं समृद्धम्‌ ।
मयैवैते निहताः पूर्वमेव निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्‌ ॥
भावार्थ : अतएव तू उठ! यश प्राप्त कर और शत्रुओं को जीतकर धन-धान्य से सम्पन्न राज्य को भोग। ये सब शूरवीर पहले ही से मेरे ही द्वारा मारे हुए हैं। हे सव्यसाचिन! (बाएँ हाथ से भी बाण चलाने का अभ्यास होने से अर्जुन का नाम 'सव्यसाची' हुआ था) तू तो केवल निमित्तमात्र बन जा॥33॥
द्रोणं च भीष्मं च जयद्रथं च कर्णं तथान्यानपि योधवीरान्‌ ।
मया हतांस्त्वं जहि मा व्यथिष्ठा युध्यस्व जेतासि रणे सपत्नान्‌ ॥
भावार्थ : द्रोणाचार्य और भीष्म पितामह तथा जयद्रथ और कर्ण तथा और भी बहुत से मेरे द्वारा मारे हुए शूरवीर योद्धाओं को तू मार। भय मत कर। निःसंदेह तू युद्ध में वैरियों को जीतेगा। इसलिए युद्ध कर॥34॥
GITA Chapter 11

The blessed lord says in gita.." I am the Kaala the destructor of the whole universe when the time arrives. So, in My superior wisdom and will, I have decided that the opponents arrayed against you in war are to be destroyed, nay, they are already destroyed, or they will be destroyed even without your intervention..So Arjuna, you raise up, fight and apparently slay them in war  and gain fame and wealth and rule the kingdom.. but always consider yourself as  a mere instrument in My hands or  as a façade  the real hands which do or undo are Mine. Why are you blinking?  I have already slain Drona, Bheeshma, Jayadhrata, Karna and the myriad of other fighters assembled against you and their death at your hands is only a myth .. Why should you grieve thinking that you are killing them, when I, acting as the Kaalapurusha is performing the act of exterminating them? You are just playing a role of apparently killing those who are all killed by me.. I simply transfer the glory to you. I am beyond glory and curse."


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।श्रीकृष्णो रक्षतु।
|śrīkṛṣṇo rakṣatu|
Have a nice and happy day
with profound respect and warm regards
K V Ananthanarayanan
blog   http://kanfusion.blogspot.com/
त्यजन्तु बान्धवाः सर्वे निन्दन्तु गुरवो जनाःI
तदापि परमानन्दो गोविन्दो मम जीवनंII
let all my relatives abandon me, let the great people insult me, still I am in supreme bliss since my life  is GOVINDA alone.
Iकृष्णात् परं किमपि तत्वं अहं न जाने"I
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु।
lokāḥ samastāḥ sukhino bhavantu|

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